गुरुवार, 13 नवंबर 2014

aha zindagi facebook story - www.bhaskar.com

वाह.. वाह.. लाइक.. रात-दिन चमचमाते बाजार। रात के एक बजे भी आप इस बाजार से गुजर
जाइए तो रौनकें आपको आवाजें देंगी। आपके कदम ठिठक जाएंगे। कभी तो उदास कदमों को
मुस्कुराहटों की नेमत भी मिल जाती है यहां, लेकिन इंस्टेंट.. पेन रिलीवर की तरह।
उसके साइड इफेक्ट.. उन पर भी सोचना जरूरी है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें