बतरस
साहित्य,समाचार और मनोसामाजिक गतिविधियों का दर्पण
मंगलवार, 31 जनवरी 2012
मैं और मेरी कवितायेँ...: अपना वज़ूद बताओ... संध्या शर्मा
मैं और मेरी कवितायेँ...: अपना वज़ूद बताओ... संध्या शर्मा
: सीने में गर है तुम्हारे दिल तो दर्द से तड़पकर दिखाओ गर तुम्हे कोई इंसा कहे तो मन में दर्द-ए-दे अहसास जगाओ किसी ठोकर से गर टूटे दिल नगमा ...
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